Nojoto: Largest Storytelling Platform

कल भी ऐसा ही था. ऐसा ही दुख ऎसी ही पीड़ा ऐसा ही स

कल भी ऐसा ही था.
ऐसा ही दुख  ऎसी ही पीड़ा  ऐसा ही संतप्त.
आज भी ऐसा ही है
और ये भी तय नहीं  कि कल भी  ऐसा ही होगा?
फिर भी लगता तो यही है  कि कल भी
ऐसा ही होने  वाला है.
क्योंकि  यथार्थ का  सामना  मैंने  कभी किया नहीं.
मैं तो जन्मदाता हूँ  थोथे   आदर्शो  का
जिन्हे मैं जीता रहा हूँ जीवन भरऔर
अपनी  पीड़ा   और दुख को  समझने  की.न कभी कोशिश की है मैंने न ही कभो 
  उनसे  निपटने  की  कला  मे  महारत हासिल की. है

©Parasram Arora महारत......
कल भी ऐसा ही था.
ऐसा ही दुख  ऎसी ही पीड़ा  ऐसा ही संतप्त.
आज भी ऐसा ही है
और ये भी तय नहीं  कि कल भी  ऐसा ही होगा?
फिर भी लगता तो यही है  कि कल भी
ऐसा ही होने  वाला है.
क्योंकि  यथार्थ का  सामना  मैंने  कभी किया नहीं.
मैं तो जन्मदाता हूँ  थोथे   आदर्शो  का
जिन्हे मैं जीता रहा हूँ जीवन भरऔर
अपनी  पीड़ा   और दुख को  समझने  की.न कभी कोशिश की है मैंने न ही कभो 
  उनसे  निपटने  की  कला  मे  महारत हासिल की. है

©Parasram Arora महारत......

महारत......