घटा सुहानी बन जाती है, बात रूहानी बन जाती है, दिल से जुड़ जाते हैं रिश्ते, रात कहानी बन जाती है, रंगे हृदय जब श्याम रंग में, प्रेम दिवानी बन जाती है, है अभ्यास निरंतर जिसका, कथा जुबानी बन जाती है, दी जाती जो चीज प्यार से, एक निशानी बन जाती है, बनकर ही हमराह आपकी, दोस्त सयानी बन जाती है, मन को भा जाए जो गुंजन, दिल की रानी बन जाती है, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ•प्र• ©Shashi Bhushan Mishra #घटा सुहानी बन जाती है#