जीते जी भेज देते हैं तस्वीर, चाहे जितने हार चढ़ा लो, मरने के बाद होगी न ख़बर, ज़िंदा रहते प्यार दिखा लो। प्यार की उम्र तभी तक है, जब-तक करते नहीं नफ़रत, पल में आसमाँ, ज़मीं या पल में इज़्हार-इंकार करा लो। संग जीने-मरने की कसमें खाने वाले साथ छोड़ देते हैं, सच्चे दिल होते न जुदा, चाहे जितनी भी दरार बना लो। 'प्यार है' कहना आसान, मगर विश्वास करना मुश्किल, ऐसे रिश्तों की उम्र नहीं, चाहे फिर दिल-द्वार सजा लो। इल्ज़ाम देने वाले कभी अपना गिरेबाँ झाँकते नहीं 'धुन', देते-देते दुआएँ, एक दिन इन से ही अत्याचार करा लो। — % & Rest Zone 'प्यार की उम्र' #restzone #rztask264 #rzलेखकसमूह #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #yqdidi #rzhindi #feelings