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विधा -हास्य व्यंग्य (अवधी) ~~~~~~~~~~~~~~~~~~परपंच

विधा -हास्य व्यंग्य (अवधी)
~~~~~~~~~~~~~~~~~~परपंची पत्नी~~~~~~~~~~~~~~
परपंची पत्नी जौ आवति है,
तौ लीला अजब रचावति है।
             चूल्हा फूकै कै बात छोड़ के,
          पूरे घर का सुलगावति है।।
   सासु-ससुर का गियर मा लैके,
पति का डियर बनावति है।
          जवन करै का पत्नी का सब,
                 तवन पति का हुकुम लगावति है।
जौ अंग्रेजी कै लेक्चर हांकै,
  तौ धाक पे धाक जमावति है।
             कंचित जौ ओका बोल दिया,
             तौ गजबै मुँह लटकावति है।
   औ होत सवेर कपड़ा सब लैके,
राह नैहर कै अपनावति है।
             पति बेचारा काव करै अब,
                   फिर हाथ जोड़ समझावति है।
यहि एतने से राजी नाही,
  ऊ घर मा फूट करावति है।
               यही से देव बहुतै डेरात पै,
                     सब कुंवारन का समझावति है
करै ना शादी यस पत्नी से,
जवन पूरा घर बिलवावति है।
-देव फैजाबादी
(हृदयेश पत्रिका में प्रकाशित २००७) #NojotoQuote परपंची पत्नी (अवधी)
विधा-हास्य व्यंग्य
#nojotohindi#nojotoenglish#poem#poetry#hasya
विधा -हास्य व्यंग्य (अवधी)
~~~~~~~~~~~~~~~~~~परपंची पत्नी~~~~~~~~~~~~~~
परपंची पत्नी जौ आवति है,
तौ लीला अजब रचावति है।
             चूल्हा फूकै कै बात छोड़ के,
          पूरे घर का सुलगावति है।।
   सासु-ससुर का गियर मा लैके,
पति का डियर बनावति है।
          जवन करै का पत्नी का सब,
                 तवन पति का हुकुम लगावति है।
जौ अंग्रेजी कै लेक्चर हांकै,
  तौ धाक पे धाक जमावति है।
             कंचित जौ ओका बोल दिया,
             तौ गजबै मुँह लटकावति है।
   औ होत सवेर कपड़ा सब लैके,
राह नैहर कै अपनावति है।
             पति बेचारा काव करै अब,
                   फिर हाथ जोड़ समझावति है।
यहि एतने से राजी नाही,
  ऊ घर मा फूट करावति है।
               यही से देव बहुतै डेरात पै,
                     सब कुंवारन का समझावति है
करै ना शादी यस पत्नी से,
जवन पूरा घर बिलवावति है।
-देव फैजाबादी
(हृदयेश पत्रिका में प्रकाशित २००७) #NojotoQuote परपंची पत्नी (अवधी)
विधा-हास्य व्यंग्य
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परपंची पत्नी (अवधी) विधा-हास्य व्यंग्य #nojotohindi#nojotoenglish#poem#Poetry#hasya