Nojoto: Largest Storytelling Platform

धुआँ धुआँ सा हर तरफ जहाँ खड़े है आज हम न दिख रही क

धुआँ धुआँ सा हर तरफ
जहाँ खड़े है आज हम
न दिख रही किरण कोई
कि हो रहा उदास मन

है हर तरफ से घूरती
निगाहे वासना भरी
पकड न कोई हाथ ले
है काँपता मेरा बदन

पसंद सबको आजकल
जहाँ में मेरी दासता
जहाँ भी जा रही हूँ मैं
है हो रही मुझे घुटन

विलाशिता की वस्तु हूँ
समझ रहें हैं लोग क्यों
मेरी कराह से कभी
नहीं किसी को है शिकन

©Sunil Kumar Maurya Bekhud #मैं_नारी_हूँ
धुआँ धुआँ सा हर तरफ
जहाँ खड़े है आज हम
न दिख रही किरण कोई
कि हो रहा उदास मन

है हर तरफ से घूरती
निगाहे वासना भरी
पकड न कोई हाथ ले
है काँपता मेरा बदन

पसंद सबको आजकल
जहाँ में मेरी दासता
जहाँ भी जा रही हूँ मैं
है हो रही मुझे घुटन

विलाशिता की वस्तु हूँ
समझ रहें हैं लोग क्यों
मेरी कराह से कभी
नहीं किसी को है शिकन

©Sunil Kumar Maurya Bekhud #मैं_नारी_हूँ