एक अलसायी हुई हवादार सुबह उबासियाँ, अंगड़ाइयाँ और एक खूबसूरत बात आज दफ्तर नही जाना है बिस्तर नियामत रजाई की गर्म खुशामत और लेटे - लेटे एक और खूबसूरत बात आज हजामत नही बनाना है निडर ख़यालों की हवाखोरी शरीफ मौसम से शरारत करती ये आवारा हवाएं सैकड़ों रंगों से सराबोर एक साथ कहराते हुए इन फूलों का लड़कपन ©संजय नौटियाल एक अलसायी हुई हवादार सुबह