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जो धागा तुमने मेरी कलाई पर बंधा था उसकी गांठ अब ब

जो धागा तुमने मेरी कलाई पर बंधा था 
उसकी गांठ अब बार बार खुल जाती है... dhaga..
जो धागा तुमने मेरी कलाई पर बंधा था 
उसकी गांठ अब बार बार खुल जाती है... dhaga..
shivamyadav8801

Shivam Yadav

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