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...चाँद जब विदा लेंने लगा, तारे सब भरसक रोए, एक ता

...चाँद जब विदा लेंने लगा,
तारे सब भरसक रोए,
एक तारा मगर चुप रहा,
कोने मे बैठा उदास रहा....

...गीत ग़ज़ल सब हार गए,
समंदर भी कितना शांत रहा,
हंसो ने रख दिए दाने,
कितना फीका प्रभात रहा...

      ......रामेश्वर मिश्र #विविध स्वर
...चाँद जब विदा लेंने लगा,
तारे सब भरसक रोए,
एक तारा मगर चुप रहा,
कोने मे बैठा उदास रहा....

...गीत ग़ज़ल सब हार गए,
समंदर भी कितना शांत रहा,
हंसो ने रख दिए दाने,
कितना फीका प्रभात रहा...

      ......रामेश्वर मिश्र #विविध स्वर