सुनि हुई मुंबई की सड़के जहां कभी दिखती थी तरह तरह की गाड़ियों का काफिला. जगमगाती चमकती राते मानो दिन ही तो हो वो मुसाफिरों का आना जाना वो राहगीरों का एक दूसरो को ढूंढना तो कभी दिखता लोगो का हुजूम सरकारी महकमों का जमावड़ा रुकते भागते लोग मजिलो की तलाश में आज सड़के हुई सुनि निहारे मुझको क्यों ये सुनि सड़के मानो पूछे मुझसे अपनी जुबानी कब लौटेंगे वो बीते कल...✍️ विनय पांडे #इंडियनशायार #कवि #शायरी