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वहीं दिन है वहीं रातें कैसे तुम्हारे बिन मगर काटे

वहीं दिन है वहीं रातें 
कैसे तुम्हारे बिन मगर काटें 

चाहता हूं तुम संग सब कुछ बांटना 
अच्छा हो संग मेरे तू भी अगर बांटे 

वो तो तेरे नाम का पासवर्ड बना रखा है
वरना हम भी तेरे को विसर जाते 

हम तो तेरी जिंदगी की दुआ करते हैं
बस तू ही चाहने वाले को जहर बांटे 

कितने दीवाने तेरे आँखों मे ही डूब गये 
अच्छा हुआ मर गये नही तो मर जाते

©KUMAR MANI(#KM_Poetry)
  #दिन