माहिया छन्द आधारित गीत :- अब गीत मिलन के तुम गाना तब सजनी जब संग रहे हम तुम जीवन है सुख दुख का छोड़ यहाँ रोना यही खेल है जग का जो मिला बहुत है यह और नहीं माँगों जो दिया नही कम यह यह लेख विधाता का अब न उठा उँगली आशीष यही उनका कुछ धीर धरे हम तुम मानव रूप मिला कुछ पुन्य करे हम तुम २८/१०/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR माहिया छन्द आधारित गीत :- अब गीत मिलन के तुम गाना तब सजनी जब संग रहे हम तुम