नादान दिलों को अपने गुनाहों के दलदल में फँसाते हो, मासूमों की चिताओं पर अपनी रोटियाँ सेंकते जाते हो । ये जो तुम्हारा कारनामा है वो इत्तिफ़ाक नहीं हो सकता नाइत्तिफ़ाक़ी जताकर आवाम को जो बेवकूफ़ बनाते हो । मतभेदों की फुहारों से कब तक राजनीति चमकाओगे अपना दिल को पकड़कर ख़ुद सर धुनते नज़र आओगे । Challenge-143 #collabwithकोराकाग़ज़ 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए :) (नाइत्तिफ़ाक़ी उर्दू शब्द है जिसका अर्थ है असहमति या मतभेद) #नाइत्तिफ़ाक़ी #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️