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तुम्हें जान से चाहने से पहले, मुहब्बत वतन से लगाए

तुम्हें जान से चाहने से पहले, 
मुहब्बत वतन से लगाए बैठे हैं।
तेरा दर्द सीने में छिपाने से पहले,
तेरी हर बात को मिटाए बैठे हैं।
मरेंगे तो सिर्फ अब वतन के लिए,
शर्त,अब मौत से लगाए बैठे हैं ।।

©Balkrishna patel
  वतन की आरजू

वतन की आरजू #शायरी

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