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हुस्न के कसीदे तो गढ़ती रहेंगी महफिलें, किसी की झुर

हुस्न के कसीदे तो गढ़ती रहेंगी महफिलें,
किसी की झुर्रियां भी प्यारी लगें तो समझ लेना मोहब्बत है !! ye mohabbat hai !!
हुस्न के कसीदे तो गढ़ती रहेंगी महफिलें,
किसी की झुर्रियां भी प्यारी लगें तो समझ लेना मोहब्बत है !! ye mohabbat hai !!
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