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देख उनके होठों की सुर्खियां मन मे उठते कई सवालात ह

देख उनके होठों की सुर्खियां मन मे उठते कई सवालात है,
ये नर्मी ये मासूमियत मन विचलित से होते मिरी हालात है,

चार-सु चर्चे चर्चित तुम्हारे,तुम ही तो वो हुस्न-ए-अप्सरा हो,
न रखते थे नौहा ए आशिक़ी,हरदम तुम्हारा ही ख्यालात है,

तिरी खातिर ही जी रहे है,वरना जीने का वो मजा ही कहाँ,
छोड़ दी फ़िक्र-ए-फ़र्दा बस तू ही वो मिरी सफर-ए-हयात है,

 न बन संग-ए-दिल, दिलबर-ए-फिजाँ, ये कैसी कयामत है?
शब-ए-महताब की रौशनी में चार चाँद लगा दे तू वो रात है,

दीवानगी मुकम्मल करो हमारी-ए-सनम निशा-ए-पैगाम है,
ताब-ए-सिराज की तपन को ठंठक दे जाये तू वो बरसात है।
✍️निशा कमवाल 🎀 Challenge-419 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 पिन पोस्ट 📌 पर दिए गए नियमों एवं निर्देशों को ध्यान में रखते हुए अपने शब्दों में अपनी रचना लिखिए। 

🎀 कोरा काग़ज़ समूह की पोस्ट नोटिफ़िकेशन्स ज़रूर 🔔 ON रखिए। जिससे आपको कोरा काग़ज़ पर होने वाली प्रतियोगिताओं की जानकारी मिलती रहे। 

🎀 कोरा काग़ज़ पर प्रतिदिन दोपहर 3 बजे "मस्ती की पाठशाला" होती है और शाम 5 बजे "उर्दू की पाठशाला" होती है। आना न भूलना।
देख उनके होठों की सुर्खियां मन मे उठते कई सवालात है,
ये नर्मी ये मासूमियत मन विचलित से होते मिरी हालात है,

चार-सु चर्चे चर्चित तुम्हारे,तुम ही तो वो हुस्न-ए-अप्सरा हो,
न रखते थे नौहा ए आशिक़ी,हरदम तुम्हारा ही ख्यालात है,

तिरी खातिर ही जी रहे है,वरना जीने का वो मजा ही कहाँ,
छोड़ दी फ़िक्र-ए-फ़र्दा बस तू ही वो मिरी सफर-ए-हयात है,

 न बन संग-ए-दिल, दिलबर-ए-फिजाँ, ये कैसी कयामत है?
शब-ए-महताब की रौशनी में चार चाँद लगा दे तू वो रात है,

दीवानगी मुकम्मल करो हमारी-ए-सनम निशा-ए-पैगाम है,
ताब-ए-सिराज की तपन को ठंठक दे जाये तू वो बरसात है।
✍️निशा कमवाल 🎀 Challenge-419 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 पिन पोस्ट 📌 पर दिए गए नियमों एवं निर्देशों को ध्यान में रखते हुए अपने शब्दों में अपनी रचना लिखिए। 

🎀 कोरा काग़ज़ समूह की पोस्ट नोटिफ़िकेशन्स ज़रूर 🔔 ON रखिए। जिससे आपको कोरा काग़ज़ पर होने वाली प्रतियोगिताओं की जानकारी मिलती रहे। 

🎀 कोरा काग़ज़ पर प्रतिदिन दोपहर 3 बजे "मस्ती की पाठशाला" होती है और शाम 5 बजे "उर्दू की पाठशाला" होती है। आना न भूलना।

🎀 Challenge-419 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 पिन पोस्ट 📌 पर दिए गए नियमों एवं निर्देशों को ध्यान में रखते हुए अपने शब्दों में अपनी रचना लिखिए। 🎀 कोरा काग़ज़ समूह की पोस्ट नोटिफ़िकेशन्स ज़रूर 🔔 ON रखिए। जिससे आपको कोरा काग़ज़ पर होने वाली प्रतियोगिताओं की जानकारी मिलती रहे। 🎀 कोरा काग़ज़ पर प्रतिदिन दोपहर 3 बजे "मस्ती की पाठशाला" होती है और शाम 5 बजे "उर्दू की पाठशाला" होती है। आना न भूलना। #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #क़यामत #कोराकाग़ज़