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मृत्यु तो बस निश्चित है ऐ मानव तू क्यूं चिंतित है

मृत्यु तो बस निश्चित है
ऐ मानव तू क्यूं चिंतित है
हाथ बढ़ा तो मेरे ओर
थाम लूं मैं तेरे जीवन का डोर
धरती अंबर कैलाश विशाल
कांपे थरथर हो तांडव जब ताल
देवों में है सर्वोत्तम स्थिर
मानव के शिव दानव के महाकाल
हे त्रिनेत्र हे जठाधारी
अति अभ्यंकरा नभ धरती प्रभारी
हे महादेव नमो मन्मथारी

©Deependra jha
  #Shiva #Shivaratri