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#SaferMotherHoodDay जब कभी मां को लेकर सोचता हूं क

#SaferMotherHoodDay जब कभी मां को लेकर सोचता हूं
कविता बनते-बनते बन जाती है....
आखिर मां भी तो एक कविता है,
किसी मंदिर की देवी की तरह।

©मनीष कुमार पाटीदार #SaferMotherHoodDay
#SaferMotherHoodDay जब कभी मां को लेकर सोचता हूं
कविता बनते-बनते बन जाती है....
आखिर मां भी तो एक कविता है,
किसी मंदिर की देवी की तरह।

©मनीष कुमार पाटीदार #SaferMotherHoodDay