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जीवन में क्या हार के , बैठे हो मन मीत । मन के हार

जीवन में क्या हार के , बैठे हो मन मीत ।
मन के  हारे  हार  है , मन के जीते जीत ।। १

आज मिलन की रात में , संग रहेगा मीत ।
रुनझुन रुनझुन  पायलें , छेडेंगी  संगीत ।। २

दो पंक्षी अब  दे रहे , खुशियों  का  संदेश ।
प्रीत प्यार पावन जहां , सुंदर  वो परिवेश ।। ३

पिया प्रीत में तुम कभी , मुझे न जाना भूल ।
इस डाली में और भी , खिल  जायेंगे  फूल ।। ४

जीवन के हर मोड़ पर , संग रहे मन मीत ।
सुख दुख के मोती चुने ,  गायें सुंदर गीत ।। ५

प्यासे मन का उड गया , पंक्षी वो चितचोर ।
रोते-रोते  हो  गई , सुनो  आज  भी  भोर ।। ६

सूरत है मन मोहिनी , चले हिरण की चाल ।
अधरो पे  रहती  शहद , नैना  करे  कमाल ।। ७

आज रिझाने मन लगी , मन में उठे सवाल ।
आये जब तुम सामने , चेहरा हुआ गुलाल ।। ८

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR जीवन में क्या हार के , बैठे हो मन मीत ।
मन के  हारे  हार  है , मन के जीते जीत ।। १

आज मिलन की रात में , संग रहेगा मीत ।
रुनझुन रुनझुन  पायलें , छेडेंगी  संगीत ।। २

दो पंक्षी अब  दे रहे , खुशियों  का  संदेश ।
प्रीत प्यार पावन जहां , सुंदर  वो परिवेश ।। ३
जीवन में क्या हार के , बैठे हो मन मीत ।
मन के  हारे  हार  है , मन के जीते जीत ।। १

आज मिलन की रात में , संग रहेगा मीत ।
रुनझुन रुनझुन  पायलें , छेडेंगी  संगीत ।। २

दो पंक्षी अब  दे रहे , खुशियों  का  संदेश ।
प्रीत प्यार पावन जहां , सुंदर  वो परिवेश ।। ३

पिया प्रीत में तुम कभी , मुझे न जाना भूल ।
इस डाली में और भी , खिल  जायेंगे  फूल ।। ४

जीवन के हर मोड़ पर , संग रहे मन मीत ।
सुख दुख के मोती चुने ,  गायें सुंदर गीत ।। ५

प्यासे मन का उड गया , पंक्षी वो चितचोर ।
रोते-रोते  हो  गई , सुनो  आज  भी  भोर ।। ६

सूरत है मन मोहिनी , चले हिरण की चाल ।
अधरो पे  रहती  शहद , नैना  करे  कमाल ।। ७

आज रिझाने मन लगी , मन में उठे सवाल ।
आये जब तुम सामने , चेहरा हुआ गुलाल ।। ८

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR जीवन में क्या हार के , बैठे हो मन मीत ।
मन के  हारे  हार  है , मन के जीते जीत ।। १

आज मिलन की रात में , संग रहेगा मीत ।
रुनझुन रुनझुन  पायलें , छेडेंगी  संगीत ।। २

दो पंक्षी अब  दे रहे , खुशियों  का  संदेश ।
प्रीत प्यार पावन जहां , सुंदर  वो परिवेश ।। ३