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मेरे गजल तो तुम ही थे, जिसे मै गुनगुनाया करती थी,

मेरे गजल तो तुम ही थे,
जिसे मै गुनगुनाया करती थी,
तुम्हारे चाहत के ख्वाब,
दिल ही दिल में सजाया करती थी!
देखते देखते वक्त निकल गया,
बात दिल की दिल में दबी रह गई,
तुम्हारे जुदाई का गम ,
बड़ी मुश्किल से सह गई!
आज वर्षों बाद जो मुझसे टकराए तुम,
लगा जैसे जिन्दगी आके उसी मोड़ पे ठहर गई,
दिल में आया कि सारे जज़्बात खोल दू,
पर ना जाने क्यों आंजाम - ऐ - हालत से डर गई!!

©Anshu Devi मेरे गजल तो तुम ही थे

#alone
मेरे गजल तो तुम ही थे,
जिसे मै गुनगुनाया करती थी,
तुम्हारे चाहत के ख्वाब,
दिल ही दिल में सजाया करती थी!
देखते देखते वक्त निकल गया,
बात दिल की दिल में दबी रह गई,
तुम्हारे जुदाई का गम ,
बड़ी मुश्किल से सह गई!
आज वर्षों बाद जो मुझसे टकराए तुम,
लगा जैसे जिन्दगी आके उसी मोड़ पे ठहर गई,
दिल में आया कि सारे जज़्बात खोल दू,
पर ना जाने क्यों आंजाम - ऐ - हालत से डर गई!!

©Anshu Devi मेरे गजल तो तुम ही थे

#alone
anshudevi8154

Anshu Devi

New Creator

मेरे गजल तो तुम ही थे #alone #शायरी