Nojoto: Largest Storytelling Platform

" मैं तुझे बेहिसाब सा लिखुं तहरीर पे मेरे , कभी दु

" मैं तुझे बेहिसाब सा लिखुं तहरीर पे मेरे ,
कभी दुर कभी और पास सा लिखुं अल्फाज़ मेरे ,
बज़्म ख़्यालो का अब जो भी हो जैसे भी हो ,
मैं मुन्तजिर रहुगा तेरा ये बात कुछ जायज ठहरा मेरे . "

                      --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " मैं तुझे बेहिसाब सा लिखुं तहरीर पे मेरे ,
कभी दुर कभी और पास सा लिखुं अल्फाज़ मेरे ,
बज़्म ख़्यालो का अब जो भी हो जैसे भी हो ,
मैं मुन्तजिर रहुगा तेरा ये बात कुछ जायज ठहरा मेरे . "

                      --- रबिन्द्र राम 

#बेहिसाब #तहरीर #अल्फाज़ #बज़्म #ख़्यालो #मुन्तजिर #जायज
" मैं तुझे बेहिसाब सा लिखुं तहरीर पे मेरे ,
कभी दुर कभी और पास सा लिखुं अल्फाज़ मेरे ,
बज़्म ख़्यालो का अब जो भी हो जैसे भी हो ,
मैं मुन्तजिर रहुगा तेरा ये बात कुछ जायज ठहरा मेरे . "

                      --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " मैं तुझे बेहिसाब सा लिखुं तहरीर पे मेरे ,
कभी दुर कभी और पास सा लिखुं अल्फाज़ मेरे ,
बज़्म ख़्यालो का अब जो भी हो जैसे भी हो ,
मैं मुन्तजिर रहुगा तेरा ये बात कुछ जायज ठहरा मेरे . "

                      --- रबिन्द्र राम 

#बेहिसाब #तहरीर #अल्फाज़ #बज़्म #ख़्यालो #मुन्तजिर #जायज

" मैं तुझे बेहिसाब सा लिखुं तहरीर पे मेरे , कभी दुर कभी और पास सा लिखुं अल्फाज़ मेरे , बज़्म ख़्यालो का अब जो भी हो जैसे भी हो , मैं मुन्तजिर रहुगा तेरा ये बात कुछ जायज ठहरा मेरे . " --- रबिन्द्र राम #बेहिसाब #तहरीर #अल्फाज़ #बज़्म #ख़्यालो #मुन्तजिर #जायज #शायरी