'तेरी यादों की खनक' तेरी यादों की खनक आज भी मेरे दिल के आँगन कुछ इस तरह खनकती है। मैं डूब जाता हूँ उदासी के अथाह समंदर में, जब वो तेरी खनखनाहट मेरे बेचैन दिल का हाल समझती है। झलक जाते हैं आँखों से आंशू मेरे, जब यादें उसकी मुझे दिलासा देती हैं। जिस्म ही तो दूर हैं ,हम यूँही मिलाते रहेंगे तुम्हें, दिलों के उनकी मोहब्बत, जिनके दिलों में मिलन की आश पनपती है। तेरी यादों की खनक आज भी मेरे दिल के आँगन कुछ इस तरह खनकती है। मैं डूब जाता हूँ उदासी के अथाह समंदर में, जब वो तेरी खनखनाहट मेरे बेचैन दिल का हाल समझती है। ©Ravindra Singh तेरी यादों की खनक