वो इश्क़-ए-ख़ुमारी वो बेमौसम की बारिश उन लम्हों को फ़िर से ज़ीने की ख्वाहिश पता नहीं क्या है ये इश्क़ मुहब्बत पर सजना मेरा बड़ा हीं प्यारा है वो होंठ की लाली वो आँख का काजल सज़ा माथे बिन्दी बड़ा हीं प्यारा है साथ सजन का साथ रहे प्यार मेरा आबाद रहे ईमान हीं उनका प्यार रहे, मन बच्चा सदा रहे उनके एक झलक को आतुर हूँ दरस को उनके व्याकुल हूँ देखो आप बिना मैं आधा हूँ ऐ सजनी तेरे प्रेम का मैं तो प्यासा हूँ ।। राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी सजनी