tumhein samaj kyun nahi aata ki कुछ खुदग़र्ज़ी का मौसम था कुछ बेफ़ाई की बयार चली इश्क मोहब्बत प्यार ने फिर आखिरी साँस ली जाने क्या सोचकर वो मुस्करा दिए बफ़ाओं के गुलशन ने फिर दिये जला लिये। जल्द ही बेबफ़ाई ने अपने रंग दिखाये टूटे दिल में सावन भादों पतझड़ छाये। जो इश्क के गुलाम थे वो गुमनाम हुए जो मारते गये ठोकर वो परवान चढ़े। फिर भी नहीं छोड़ा उन्होंने दामन मोहब्बत का मरती नहीं है मोहब्बत किसी ने सच ही कहा। आज भी जिन्दा है वो......... किस्से कहानी कविता शायरी और ग़ज़ल के रूप में। पारुल शर्मा #NojotoQuote कुछ खुदग़र्ज़ी का मौसम था कुछ बेफ़ाई की बयार चली इश्क मोहब्बत प्यार ने फिर आखिरी साँस ली जाने क्या सोचकर वो मुस्करा दिए बफ़ाओं के गुलशन ने फिर दिये जला लिये। जल्द ही बेबफ़ाई ने अपने रंग दिखाये टूटे दिल में सावन भादों पतझड़ छाये।