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*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘*“11/11/2021”*📝 ✨*“गुरुवार”

*📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘*“11/11/2021”*📝
✨*“गुरुवार”*🌟

“पर्वत” के “शिखर” पर कोई “पक्षी” है 
जो वहां से नीचे गिरकर अपने “प्राण” गवा देता है,
ये कब “संभव” होता है जब वो “पक्षी” “उड़ने का प्रयास” नहीं करता है,कोई “व्यक्ति” “जल” में जाता है 
और “डूबकर” अपने “प्राण ग्वा” देता है, इसकी भी “संभावना” तब होती है जब “व्यक्ति तैरने” का “प्रयास” ही न करें,ये “समस्याएं” हर एक के “जीवन” में रहेंगी,
परंतु स्मरण रखना होगा कि “समस्याएं” 
“परिस्थितियों” के कारण समस्याएं नहीं बनती, 
ये “परिस्थितियां” जब हमारे “समक्ष” आती है,
हमें कठिन लगती है हम उसके समक्ष झुक जाते है,“भयभीत” हो जाते है उसका “सामना” नहीं कर पाते है,तब ये “समस्या” बनती है,“डटकर खड़े” रहिए 
“सहास के साथ” इन “परिस्थितियों का सामना” किजिए, 
ये “समस्या” “सफलता” में कब बदल जाएगी 
आपको पता भी नहीं चलेगा,और “सफलता” प्राप्त करने का “आंनद” भी कुछ अलग ही होगा, 
*“अतुल शर्मा”🖋️📝*

©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘 *“11/11/2021”*📝
✨ *“गुरुवार”*🌟

*#“पर्वत”* 

*#“शिखर”*
*📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘*“11/11/2021”*📝
✨*“गुरुवार”*🌟

“पर्वत” के “शिखर” पर कोई “पक्षी” है 
जो वहां से नीचे गिरकर अपने “प्राण” गवा देता है,
ये कब “संभव” होता है जब वो “पक्षी” “उड़ने का प्रयास” नहीं करता है,कोई “व्यक्ति” “जल” में जाता है 
और “डूबकर” अपने “प्राण ग्वा” देता है, इसकी भी “संभावना” तब होती है जब “व्यक्ति तैरने” का “प्रयास” ही न करें,ये “समस्याएं” हर एक के “जीवन” में रहेंगी,
परंतु स्मरण रखना होगा कि “समस्याएं” 
“परिस्थितियों” के कारण समस्याएं नहीं बनती, 
ये “परिस्थितियां” जब हमारे “समक्ष” आती है,
हमें कठिन लगती है हम उसके समक्ष झुक जाते है,“भयभीत” हो जाते है उसका “सामना” नहीं कर पाते है,तब ये “समस्या” बनती है,“डटकर खड़े” रहिए 
“सहास के साथ” इन “परिस्थितियों का सामना” किजिए, 
ये “समस्या” “सफलता” में कब बदल जाएगी 
आपको पता भी नहीं चलेगा,और “सफलता” प्राप्त करने का “आंनद” भी कुछ अलग ही होगा, 
*“अतुल शर्मा”🖋️📝*

©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘 *“11/11/2021”*📝
✨ *“गुरुवार”*🌟

*#“पर्वत”* 

*#“शिखर”*
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Atul Sharma

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