*तुलना के खेल में मत उलझो *क्योंकि इस खेल का कहीं कोई अंत नही..!* rajkumar tyagi *जहाँ तुलना की शुरुआत होती है,* *वही से आनंद और अपनापन खत्म होता है* #Muh_par_raunak