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कोई मिलने नहीं आता अब कोई कहीं ,तो कहीं का हो जाता

कोई मिलने नहीं आता अब
कोई कहीं ,तो कहीं का हो जाता है अब
चाँद गांव की झोपड़ी से तो दिख जाता है
पर आकाशचुम्बी इमारतों पे
नहीं ठहर पाता है अब
भीड़ से भरे सड़कों पे 
मुश्किल से कोई साया ठहर पाता है अब
शहरों में रोज चमकते जूते को
मुश्किल से कोई गांव का मोची 
चमका पाता है अब
गांव के आम को चूसने का मजा
किसी शहरी बच्चे को मुश्किल से
मिल पाता है अब
काले चश्मों के भीतर की आँखे
कहाँ देख पाती है
बूढ़ी लाठी या सफेद बाल
कहाँ मिल पाता है अतीत 
अपने वर्तमान से
पटरियों पे सफ़र करने का 
जोखिम नहीं ले पाती है जिंदगियां
शायद इसलिए अब त्योहारो में भी
शहर नहीं पहुंच पाता
गांव की चौखट पर
और नहीं मिल पाता सहारा 
कुछ झुकती हुई कमर को
कुछ पुराने होते ऐनक को
नहीं मिल पाता नया चश्मा
किसी गाँव से मिलने
शहर नहीं आता है अब--अभिषेक राजहंस


 #NojotoQuote शहर नहीं आता है अब
कोई मिलने नहीं आता अब
कोई कहीं ,तो कहीं का हो जाता है अब
चाँद गांव की झोपड़ी से तो दिख जाता है
पर आकाशचुम्बी इमारतों पे
नहीं ठहर पाता है अब
भीड़ से भरे सड़कों पे 
मुश्किल से कोई साया ठहर पाता है अब
शहरों में रोज चमकते जूते को
मुश्किल से कोई गांव का मोची 
चमका पाता है अब
गांव के आम को चूसने का मजा
किसी शहरी बच्चे को मुश्किल से
मिल पाता है अब
काले चश्मों के भीतर की आँखे
कहाँ देख पाती है
बूढ़ी लाठी या सफेद बाल
कहाँ मिल पाता है अतीत 
अपने वर्तमान से
पटरियों पे सफ़र करने का 
जोखिम नहीं ले पाती है जिंदगियां
शायद इसलिए अब त्योहारो में भी
शहर नहीं पहुंच पाता
गांव की चौखट पर
और नहीं मिल पाता सहारा 
कुछ झुकती हुई कमर को
कुछ पुराने होते ऐनक को
नहीं मिल पाता नया चश्मा
किसी गाँव से मिलने
शहर नहीं आता है अब--अभिषेक राजहंस


 #NojotoQuote शहर नहीं आता है अब

शहर नहीं आता है अब