एक बाप की काहानी हर वक़्त केवल डूबा रहता था ज़रुरत के संसार में परिवार की पूरी करता हसरतें बेचकर अपना पसीना , किसी के कारोबार में चन्द रूपये की खातिर फिरता भरे बाजार में केवल एक ही चिंता पले मेरा परिवार ख़ुशी से संसार में एक बाप नहीं, कई बाप मिलेंगे तुमहे बिकते इस बाजार में ..... Reposted old post #neerajwritesoldpost