26 jan republic day सब भूल गए उन वीरों को जिन्होंने,अपने लहू बहाया था ऐसे ही नहीं यारों आजादी का मौसम आया था अंग्रेजों की बारूदो से दबा था, देश हमारा कुरवान होकर वीरों ने पुस्पो से महकाया था ऐसे ही नहीं यारों आजादी का मौसम आया था सब भूल गए उन वीरों को जिन्होंने अपने लहू बहाया था अपना सेना बल कम है, ये जानते हुए भी,तू लड़ता रहा बता भगत सिंह, तू इतना बड़ा जिगरा कहां से लाया था घुटनों पर गिर चुका था पूरा देश हमारा चंद्रशेखर आजाद ने फिर भी मूछों को उठाया था इसे फेंको मत, लहराओ और संभाल कर रखो यारों इस तिरंगे के लिए वीरों ने अपना खून बहाया था ऐसे ही नहीं यारों आजादी का मौसम आया था सब भूल गए उन वीरों को, जिन्होंने अपना लहू बहाया था बड़े ही हिम्मत वाले थे, वो वीर हमारे एक को कोई छू ना सका और दूसरा फांसी पर चढ़कर भी मुस्कुराया था क्यों लड़ रहे हो अब जात-पात पर यारों आजादी की लड़ाई में तो,हर जात से एक वीर आया था हां आजादी की खुशी तो है हमें यारों मगर समीर हमने उन वीरों का शौक भी मनाया था हजारों वीर आसमान में तारे बन गए यार तब जाकर आसमान में,ये प्यारा तिरंगा लहराया था ऐसे ही नहीं यारों आजादी का मौसम आया था सब भूल गए उन वीरों को,जिन्होंने अपना लहू बहाया था ©sameer Kumar #26janrepublicday