ऊंच नीच की ऐसी तैसी मिलजुल हम सब गाये प्रीति रंग गुलाल लगाये मिलजुल खेले खूब प्रीत की होली ऊंच नीच की ऐसी तैसी ईर्ष्या द्वेष को दूर भगाये प्रीत की खूब अलख जगाये मिलकर हमसब सुसंगीत गाये आओ आओ होली खेले ऊंच नीच की ऐसी तैसी खूब मिठाई हम सब खाये आओ आओ त्यौहार मनाये कटुता को मन से दूर भगाये हिया में खूशी का रंग घोल डाले ऊंच नीच की ऐसी तैसी खूब रंग हम सब मिल डाले भींगे तन मन खिल जाये गालो पर गुलाल लगाये अधरों पर मुसकान छा जाये ऊंच नीच की ऐसी तैसी ©संगीत कुमार #Holi ऊंच नीच की ऐसी तैसी मिलजुल हम सब गाये प्रीति रंग गुलाल लगाये मिलजुल खेले खूब प्रीत की होली ऊंच नीच की ऐसी तैसी ईर्ष्या द्वेष को दूर भगाये प्रीत की खूब अलख जगाये