Nojoto: Largest Storytelling Platform

कमजोरियों में खूबियों को ढूंढो (Read full sto

कमजोरियों में खूबियों को ढूंढो 




(Read full story in caption)  priyanka gahalaut.. ये पढ़िए आप 

#YQBaba #Kumaarsthought #YQDidi #story #कहानी 

दरया नाम का एक बहुत ही खूबसूरत राज्य था| पर इस  राज्य का राजा बहुत ही निर्दयी और क्रुर था| वह अपनी प्रजा पर पत्थर से लेकर मिट्टी हर वस्तु की ख़रीद पर मनचाहा कर वसुल करता था| प्रजा मज़बूर थी पर कुछ कर नहीं सकती थी| राज़ा निर्दयी और क्रुर के साथ-साथ कला प्रेमी भी था| एक युद्ध में वह अपनी टाँगें खो चुका था पर उसके खिलाफ़ किसी की हिम्मत नहीं दूसरा ऱाज़ा चुनने की| ऱाज़ा कला को अपने पूरे राज्य में फैलाना चाहता था| वह दूर प्रदेश से अलग- अलग कला में माहिर लोगो को अपने देश में न्योता देता और उनसे अपने राज्य की ख़ूबसूरती के लिए अपने हुनर को दिखाने को कहता| राजा को जब उनकी कला पसंद नहीं आती तो राजा उनको कठोर दण्ड देता | इस तरह यह बात फैलती गई और कलाकारों ने दरया में जाना छोड़ दिया | यह बात राजा को और क्रोधित करने लगी पर राजा ने अपने रवहिए में कोई बदलाव ना किया| एक दिन हुसैन अऩवर नाम का चित्रकार गाँव-गाँव, शहर- शहर घूम कर दरया पहुँचा| वह अपनी कला से लोगो के दिलों पर राज़ करने लगा| उसकी ख़्याति दिन-ब-दिन बढ़ने लगी| एक दिन राजा को उसके बारे में पता चला और राजा ने उसे अपने दरबार में बुलाया| हुसैन अऩवर राजा के महल गया | राजा ने उससे कहा की वह उसकी चित्रकारी देखना चाहता है|  हुसैन अऩवर बहुत खुश था पर साथ-साथ डरा भी हुआ था क्योंकि वह राजा की क्रुरता के बारे में गाँव वालों से सुन चुका था| राजा ने उससे कहा वह राजा की एक त़स्वीर बनाये| सब़ बहुत डर गये क्योंकि सब़ जानते थे कि अग़र हुसैन अऩवर ने राजा को चित्र में अपाहिज दिखाया तो राजा उसे मृत्यु दण्ड देगा| जब हुसैन अऩवर ने राजा की तस्वीर राजा को दिखाई तो केवल राजा ही नहीं सभी मंत्री भी उसकी कला और उसके दिमाग़ की सोच की वाह-वाह करने लगे| उसने चित्र में बनाया था की राजा अपने दोनो पैर मोड़कर मस्जिद में नम़ाज़ पढ़ रहा है| इस तरह उस चित्रकार ने राजा की कमियों को दरकिनार कर उसके इंसान वाले अक़्स को अपनी कला से उबारा| राजा ने उस चित्रकार इऩाम में हीरे-जवारात दिये और उसे अपने राज्य के मंत्रीमण्डल में श़ामिल कर लिया और उसके बाद राजा ने किसी भी कलाकार का अपमान नहीं किया और ना ही किसी को दण्डित किया|

शिक्षा:- जिस तरह उस चित्र ने राजा की क़मियों को ना देखते हुए उसमे खुदा का नेक बंदा देखा उसी तरह हमें भी लोगो में उनकी क़मियों को नहीं बल्कि उनकी खूबियों को देखना चाहिए|
कमजोरियों में खूबियों को ढूंढो 




(Read full story in caption)  priyanka gahalaut.. ये पढ़िए आप 

#YQBaba #Kumaarsthought #YQDidi #story #कहानी 

दरया नाम का एक बहुत ही खूबसूरत राज्य था| पर इस  राज्य का राजा बहुत ही निर्दयी और क्रुर था| वह अपनी प्रजा पर पत्थर से लेकर मिट्टी हर वस्तु की ख़रीद पर मनचाहा कर वसुल करता था| प्रजा मज़बूर थी पर कुछ कर नहीं सकती थी| राज़ा निर्दयी और क्रुर के साथ-साथ कला प्रेमी भी था| एक युद्ध में वह अपनी टाँगें खो चुका था पर उसके खिलाफ़ किसी की हिम्मत नहीं दूसरा ऱाज़ा चुनने की| ऱाज़ा कला को अपने पूरे राज्य में फैलाना चाहता था| वह दूर प्रदेश से अलग- अलग कला में माहिर लोगो को अपने देश में न्योता देता और उनसे अपने राज्य की ख़ूबसूरती के लिए अपने हुनर को दिखाने को कहता| राजा को जब उनकी कला पसंद नहीं आती तो राजा उनको कठोर दण्ड देता | इस तरह यह बात फैलती गई और कलाकारों ने दरया में जाना छोड़ दिया | यह बात राजा को और क्रोधित करने लगी पर राजा ने अपने रवहिए में कोई बदलाव ना किया| एक दिन हुसैन अऩवर नाम का चित्रकार गाँव-गाँव, शहर- शहर घूम कर दरया पहुँचा| वह अपनी कला से लोगो के दिलों पर राज़ करने लगा| उसकी ख़्याति दिन-ब-दिन बढ़ने लगी| एक दिन राजा को उसके बारे में पता चला और राजा ने उसे अपने दरबार में बुलाया| हुसैन अऩवर राजा के महल गया | राजा ने उससे कहा की वह उसकी चित्रकारी देखना चाहता है|  हुसैन अऩवर बहुत खुश था पर साथ-साथ डरा भी हुआ था क्योंकि वह राजा की क्रुरता के बारे में गाँव वालों से सुन चुका था| राजा ने उससे कहा वह राजा की एक त़स्वीर बनाये| सब़ बहुत डर गये क्योंकि सब़ जानते थे कि अग़र हुसैन अऩवर ने राजा को चित्र में अपाहिज दिखाया तो राजा उसे मृत्यु दण्ड देगा| जब हुसैन अऩवर ने राजा की तस्वीर राजा को दिखाई तो केवल राजा ही नहीं सभी मंत्री भी उसकी कला और उसके दिमाग़ की सोच की वाह-वाह करने लगे| उसने चित्र में बनाया था की राजा अपने दोनो पैर मोड़कर मस्जिद में नम़ाज़ पढ़ रहा है| इस तरह उस चित्रकार ने राजा की कमियों को दरकिनार कर उसके इंसान वाले अक़्स को अपनी कला से उबारा| राजा ने उस चित्रकार इऩाम में हीरे-जवारात दिये और उसे अपने राज्य के मंत्रीमण्डल में श़ामिल कर लिया और उसके बाद राजा ने किसी भी कलाकार का अपमान नहीं किया और ना ही किसी को दण्डित किया|

शिक्षा:- जिस तरह उस चित्र ने राजा की क़मियों को ना देखते हुए उसमे खुदा का नेक बंदा देखा उसी तरह हमें भी लोगो में उनकी क़मियों को नहीं बल्कि उनकी खूबियों को देखना चाहिए|

priyanka gahalaut.. ये पढ़िए आप #yqbaba #Kumaarsthought #yqdidi #story #कहानी दरया नाम का एक बहुत ही खूबसूरत राज्य था| पर इस राज्य का राजा बहुत ही निर्दयी और क्रुर था| वह अपनी प्रजा पर पत्थर से लेकर मिट्टी हर वस्तु की ख़रीद पर मनचाहा कर वसुल करता था| प्रजा मज़बूर थी पर कुछ कर नहीं सकती थी| राज़ा निर्दयी और क्रुर के साथ-साथ कला प्रेमी भी था| एक युद्ध में वह अपनी टाँगें खो चुका था पर उसके खिलाफ़ किसी की हिम्मत नहीं दूसरा ऱाज़ा चुनने की| ऱाज़ा कला को अपने पूरे राज्य में फैलाना चाहता था| वह दूर प्रदेश से अलग- अलग कला में माहिर लोगो को अपने देश में न्योता देता और उनसे अपने राज्य की ख़ूबसूरती के लिए अपने हुनर को दिखाने को कहता| राजा को जब उनकी कला पसंद नहीं आती तो राजा उनको कठोर दण्ड देता | इस तरह यह बात फैलती गई और कलाकारों ने दरया में जाना छोड़ दिया | यह बात राजा को और क्रोधित करने लगी पर राजा ने अपने रवहिए में कोई बदलाव ना किया| एक दिन हुसैन अऩवर नाम का चित्रकार गाँव-गाँव, शहर- शहर घूम कर दरया पहुँचा| वह अपनी कला से लोगो के दिलों पर राज़ करने लगा| उसकी ख़्याति दिन-ब-दिन बढ़ने लगी| एक दिन राजा को उसके बारे में पता चला और राजा ने उसे अपने दरबार में बुलाया| हुसैन अऩवर राजा के महल गया | राजा ने उससे कहा की वह उसकी चित्रकारी देखना चाहता है| हुसैन अऩवर बहुत खुश था पर साथ-साथ डरा भी हुआ था क्योंकि वह राजा की क्रुरता के बारे में गाँव वालों से सुन चुका था| राजा ने उससे कहा वह राजा की एक त़स्वीर बनाये| सब़ बहुत डर गये क्योंकि सब़ जानते थे कि अग़र हुसैन अऩवर ने राजा को चित्र में अपाहिज दिखाया तो राजा उसे मृत्यु दण्ड देगा| जब हुसैन अऩवर ने राजा की तस्वीर राजा को दिखाई तो केवल राजा ही नहीं सभी मंत्री भी उसकी कला और उसके दिमाग़ की सोच की वाह-वाह करने लगे| उसने चित्र में बनाया था की राजा अपने दोनो पैर मोड़कर मस्जिद में नम़ाज़ पढ़ रहा है| इस तरह उस चित्रकार ने राजा की कमियों को दरकिनार कर उसके इंसान वाले अक़्स को अपनी कला से उबारा| राजा ने उस चित्रकार इऩाम में हीरे-जवारात दिये और उसे अपने राज्य के मंत्रीमण्डल में श़ामिल कर लिया और उसके बाद राजा ने किसी भी कलाकार का अपमान नहीं किया और ना ही किसी को दण्डित किया| शिक्षा:- जिस तरह उस चित्र ने राजा की क़मियों को ना देखते हुए उसमे खुदा का नेक बंदा देखा उसी तरह हमें भी लोगो में उनकी क़मियों को नहीं बल्कि उनकी खूबियों को देखना चाहिए|