हर मुसीबत को मैं पत्तों सा मसल सकता हूँ। उसकी आवाज पर मैं फौलाद पिघला सकता हूँ। ओ मेरे टूटे स्पन! ऐसे तो हिम्मत मत हार मैं चाहूँ तो तकदीर बदल सकता हूँ।