White उस चश्म को हम, आयतें-आफताब लिखते हैं। रुखसार को, रोशन-ए-महताब लिखते है। इन ख्यालों में जिसकी तवज्जो है इतनी, उस भ्रम को हम हुस्न की किताब लिखते हैं। आंखों में डूबने को शबाब लिखते हैं । मयखाने की मल्लिका को शराब लिखते हैं। नासाज़ कर दी जिसने जवानी ये मेरी, उस नशे को हम दोपहरी-ख्वाब लिखते हैं।।२ इश्क एक-तरफा हो तो खराब लिखते हैं। शायरों को अक्सर, ग़में-मिजाज लिखते हैं। केवल जानकी वियोग का हिसाब रखने वाले, मोहन तड़पें तो, प्रेम लाजवाब लिखते हैं।।३ एक अरसे तक चाहा, जिसे आज लिखते हैं। महज़ शायरी नहीं, हम तल्ख़े-ताज़ लिखते हैं। खुदगर्ज होना हो भले दस्तूर जमाने का, आज भी अपने गीतों में, उसे ही साज़ लिखते हैं।।४ ©Vishwas Pradhan #love_shayari hindi poetry urdu poetry #Jeevan #Prem #kavita #Shayari #kahani