क़भी अपनी सूरत माँगता हूँ क़भी तुम्हारी मूरत माँगता हु मुझे तेरे दर्मियोंओं में रहना मुनासिब नहीं लगता नफ़स क़भी मैं तुझसे अपनी रुख़सत माँगता हु। ( तुझसे रुख़सत) #रुख़सत