इश्क फितूर,दिल की जुबांनी रंगे नूर आलम,रूहे मौज नूरानी दर्दे दुनिया से बेफिकर मस्ताने मैं भी दिवाना, तु भी दिवानी चाहत #शायरी Sapna Agravat