।। स्त्री ।। " मेरा होना ना होना मेरे ही वजूद पर प्रश्न उठाता है ; कभी खुद खोजती हूं तो कभी जमाने से मिल जाता है ; मेरी मुस्कुराहट मेरे अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगाता है भिन्न-भिन्न उत्तर समाज से मिल जाता है ; मेरा होना ना होना मेरे ही वजूद पर प्रश्न उठाता है ; दो पग आगे चलू दुनियां में अक्सर नकारा जाता हैं ; घर की इज्जत बोलकर हर बार मन हमारा मारा जाता है ; मेरा होना ना होना मेरे ही वजूद पर प्रश्न उठाता है कभी खुद खोजती हूं तो कभी जमाने से मिल जाता हैं ।।" ky ✍️ ©kanchan Yadav #ColdMoon #औरतें