इन बारिश की बूंदों मे अब पहले जैसी कोई बात कहां चलती थी जब अपनी कश्ती वैसी है अब बरसात कहां उन मिट्टी के मैदानों में होती छप छप की अब आवाज कहां गुम गया वो बचपन प्यारा फुर्सत की अब सौगात कहां आता है सावन अब भी पर पहले जैसी कोई बात कहां #yqhindichallenge4 #येबारिशकामौसम #बचपनकीयादें #yqbaba #yqhindi