( talk with on hearts in darkness ) "" रात का अंधियारा अक्सर मुझे डराता है मेरे वजूद को छुपाता है ; मुझे बहुत कमजोर बनाता है बेहद कोशिश की ; कि छुटकारा पाऊ इससे ना जाने कौन सा भय मुझे अक्सर पीछे ही ले जाता है राह कहां वो जहां मुझे प्रकाश मिले खुद का जहां बनाऊं ना मुझे कोई डरा सके खुद की अपनी एक पहचान हो ना किसी का एहसान रहे जब तक इस धरा पर रहूं अपने ही नाम का गुलिस्ता सजे ।।"" kanchan Yadav #Forest #talk with on hearts in darkness