Nojoto: Largest Storytelling Platform

न तो तारीफों के पूल बंधे……न कशीदे ही गढ़ पाया मैं..

न तो तारीफों के पूल बंधे……न कशीदे ही गढ़ पाया मैं...!!!


आंखे भी तरसती रही……तेरे हुस्न पर ग़ज़ल कहने को....!!! हुस्न ए ग़ज़ल
न तो तारीफों के पूल बंधे……न कशीदे ही गढ़ पाया मैं...!!!


आंखे भी तरसती रही……तेरे हुस्न पर ग़ज़ल कहने को....!!! हुस्न ए ग़ज़ल

हुस्न ए ग़ज़ल #शायरी