कमरे का सूनापन मुझे खलता है तुम्हारी यादों से अब दिल जलता है खाली डेस्क और खाली रैक तुम्हे पुकारती है तुम्हारे यहां से जाने के बाद आज भी दीवारों का रंग बदला नहीं है बदली नहीं आज भी मैने तुम्हारी मन पसंद किताबे बल्ब भी वही है खिड़की और दरवाज़े भी वही मगर फिर भी यह कमरा सूना बहुत क्योंकि तुम यहां नहीं गए तुम्हे बस कुछ महीने हुए लेकिन मानो जैसे अरसा हुआ एक शाम की चाय तुम्हारे साथ जैसे अब कोई सपना हुआ ✍️रिंकी ऊर्फ चंद्रविद्या सपना हो गया तुमसे मिलना... #तुमसेमिलना #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi