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हम और ज़िंदगी के हिस्से कई हैं ‌। सुनाने को अभी कि

हम और ज़िंदगी के हिस्से कई हैं ‌।
सुनाने को अभी किस्से कई है।

चाहो तो मुड़ जाएं एक मोड़ पे दोनों
वर्ना तो आगे को रस्ते कई हैं।

एक तेरी आरज़ू में गुज़री है ज़िंदगी 
संग तेरी यादों के बस्ते कई हैं।

ज़मीं पर नेकी हो तो कुछ बात बने 
यूं तो आसमां पे फ़रिश्ते कई हैं। 

ख़ास जो तुममें है मोहब्बत है हमारी
वैसे तो दुनियां में तुमसे कई हैं।

©Jupiter and it's moon....(प्रतिमा तिवारी)
  डायरी के पन्ने!

डायरी के पन्ने! #शायरी

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