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पहले कलह होती है, फिर कोर्ट में जिरह होती है, कभी

पहले कलह होती है, फिर कोर्ट में जिरह होती है,
कभी हो जाता है फ़ैसला, और कभी सुलह होती है।

न्यायालय में तो बस बाक़ी यही काम है,
तारीख पर तारीख पड़ना जैसे यहाँ आम है।

अंगराज कर्ण के बाद बस वकील ही  हैं,
जो ग़लत होने पर भी साथ निभाते हैं।

चाहे लगी हो कितनी भी दफाऐं, 
आपको वकील ही आज़ाद करातें  हैं।
                                ------------- आनन्द

©आनन्द कुमार #वकील 
#अधिवक्ता 
#वकील_साहब 
#आनन्द_गाजियाबादी 
#Anand_Ghaziabadi
पहले कलह होती है, फिर कोर्ट में जिरह होती है,
कभी हो जाता है फ़ैसला, और कभी सुलह होती है।

न्यायालय में तो बस बाक़ी यही काम है,
तारीख पर तारीख पड़ना जैसे यहाँ आम है।

अंगराज कर्ण के बाद बस वकील ही  हैं,
जो ग़लत होने पर भी साथ निभाते हैं।

चाहे लगी हो कितनी भी दफाऐं, 
आपको वकील ही आज़ाद करातें  हैं।
                                ------------- आनन्द

©आनन्द कुमार #वकील 
#अधिवक्ता 
#वकील_साहब 
#आनन्द_गाजियाबादी 
#Anand_Ghaziabadi