आखिर क्यों नहीं मुझसे कोई प्यार जताता है? आखिर क्यों नहीं मुझे कोई अपना बनाता है? निभाता तो हूं हर रिश्ता मैं दिल से तो आखिर क्यों हर बार ये दिल खाली रह जाता है? रोता हूँ अक्सर रातों को मैं न जाने ये कौन सा दर्द मुझे अंदर से खाता है? मतलबी इस दुनिया में कोई हो अपना भी बस इस आस में ये दिल रह जाता है, आता है जो जिंदगी में मेरे वो भी मेरे जज्बातों से खेल जाता है, आखिर क्यों नहीं मुझसे कोई प्यार जताता है? आखिर क्यों नहीं मुझे कोई अपना बनाता है? ©Mr Singh #सिंह #apart