कोई नेता कहता है हिजाब नहीं तो किताब नहीं कोई नेता संविधान की दुहाई देकर कहता है अगर महिला बिकिनी जींस आदि पहने इसमें हर्ज क्या है कोई नेता मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति करते हुए इसे मुस्लिम समाज जी का धार्मिक भावनाओं पर आघात मानता है अगर नहीं हो सकता आखिरकार स्कूलों के नियमों को अचानक से छात्रों के लिए एक सोची समझी साजिश जानी पड़ती है कम से कम नेताओं को अपनी दलगत राजनीति के तहत स्कूली बच्चों को अपना राजनीतिक हथियार नहीं बनाना चाहिए बच्चों की पढ़ाई जबरदस्त जरूरी है बच्चे किसी भी देश का उज्जवल भविष्य होते हैं फिर एक राजनीतिक देश में का माहौल बने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की साख को बांट लेंगे या हमारे नेता तालिबानी शिक्षा नीतियों का समर्थन करते हैं क्या महज बुर्का कर्नाटक चुनाव मैं 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी है इसमें सुप्रीम कोर्ट का फैसला निर्णय होगा ©Ek villain #हिजाब पर अनावश्यक विवाद #hugday