"अक्षय पात्र" - अद्भुत सेवा में लगी संस्था अक्षया पात्रा को समर्पित मेरी एक रचना। आशाओं के दीप..जलते रहे, वसुंधरा के जीव..पलते रहे, कभी निष्फल ना हो यह अक्षय पात्र, दया दान के कदम..चलते रहे! वंचित की बेचैनी..हरते रहे, अज्ञात खालीपन..भरते रहे, कभी निष्फल ना हो यह अक्षय पात्र, उम्दा, भला हम तुम..करते रहे! खुशियों के कुछ फूल..खिलते रहे, उलझनों के रास्ते..मिलते रहे, कभी निष्फल ना हो यह अक्षय पात्र, मदद की सीढ़ी हम..बनते रहे! नन्हें सूखे बदन..निखरते रहे, भात से आँगन..महकते रहे, कभी निष्फल ना हो यह अक्षय पात्र, हरदम नेक धर्म कर्म..करते रहे। ©Anand Dadhich #अक्षयपात्र #akshayapatra #middaymeal #kaviananddadhich #poetananddadhich #hindipoemonakshaypatra #ananddadhich