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आया वो दिन और घड़ी वो भी आई तू मुझसे बिछड़कर हुई अ

आया वो दिन और घड़ी वो भी आई
तू मुझसे बिछड़कर हुई अब पराई।।

चहकने लगा था आंगन भी तबसे,
आई तू मेरी इस बगिया में जबसे।
सींचा तुझे मैंने स्नेह के जल से,
बोझिल ना होने दी तेरी पलकें।
ममता की खुशबू से हरदिन नहाई।।
तू मुझसे बिछड़कर...............

हुआ दर्द तो एक माता बनी तू,
आई विपत्ति तो भ्राता बनी तू।
झुकने लगे बोझ से मेरे कंधे,
उस वक्त मेरी विधाता बनी तू।
रिश्ते सभी तूने अच्छी निभाई।।
तू मुझसे बिछड़कर...............

प्रभु जी उसे हर बला से बचाना,
उसे नित बुलंदी तक लेके जाना।
अर्जी है इतनी बस एक पिता की 
उसको कभी भी ना ठोकर लगाना।
जीवन में आए न कोई कठिनाई।।
तू मुझसे बिछड़कर..................

©Chanchal Hriday Pathak
  #आया_वो_दिन_और_घड़ी_वो_भी_आई