ज़िद थी के अब आसमां छूना है बस हम "परिंदे" ज़ख्मी हो बलते रहे ©Jitendra Verma "परिंदा" 2122 2122 212 ज़िद थी के अब आसमां छूना है बस हम "परिंदे" ज़ख्मी हो बलते रहे #Lumi