Nojoto: Largest Storytelling Platform

मन करता हैँ पूरा ब्रह्माण्ड समेट लू बाहो मे

मन करता  हैँ पूरा  ब्रह्माण्ड  समेट  लू  बाहो मे 
किंतु  अपने मे   इतनी  विशालता  लाऊ   कहा से 
मन करता हैँ  पूरा  आकाश  नाप लू  उड़ते उड़ते 
किन्तु  इतने  ऊर्जावान    पँख  मै  लाऊँ   कहा  से 
बंजर ज़मीन पर  मै अध् खिले   गुलाब कि  तरह  खिला हूं 
किन्तु वो   भीनी  भीनी   खुशबू  मै लाऊँ  कहा  से 
करुणा  और  प्रेम क़े मेघ  आज भी  उतरते हैँ मन क़े आकाश पर  
किन्तु  वो करुणा   और  प्रेम की बूँदे  बरसाने क़े लिए 
ऐसी  धरती  लाऊँ   कहा  से मन  करता  हैँ........
मन करता  हैँ पूरा  ब्रह्माण्ड  समेट  लू  बाहो मे 
किंतु  अपने मे   इतनी  विशालता  लाऊ   कहा से 
मन करता हैँ  पूरा  आकाश  नाप लू  उड़ते उड़ते 
किन्तु  इतने  ऊर्जावान    पँख  मै  लाऊँ   कहा  से 
बंजर ज़मीन पर  मै अध् खिले   गुलाब कि  तरह  खिला हूं 
किन्तु वो   भीनी  भीनी   खुशबू  मै लाऊँ  कहा  से 
करुणा  और  प्रेम क़े मेघ  आज भी  उतरते हैँ मन क़े आकाश पर  
किन्तु  वो करुणा   और  प्रेम की बूँदे  बरसाने क़े लिए 
ऐसी  धरती  लाऊँ   कहा  से मन  करता  हैँ........

मन करता हैँ........