प्यार की पतँग गळ कै लगाकै, प्यार जताकै, तूँ धोखा दे कै जाइये ना। भाइयाँ की सूँ मर ज्यांगी, तूँ मन्ने छोड़ कै जाइये ना।। तेरी छाती ऊपर सिर धरकै मैं एक सहारा टोहूँ सूँ। तेरी बाँहयां के घेरे में, मैं नीन्द चैन की सोऊँ सूँ।। जो सपने में तूँ आ रहया हो तो नीन्द तै मन्ने जगाईये ना।। तेरे सत पै छोड़ दिया मन्ने अपणा कुटुम्ब कबीला। सारी दुनियाँ एक औड़ तूँ बणग्या प्यार वसीला।। तेरे कहे तै विष पी ल्यूंगी पर विश्वास तोड़ के जाइये ना।। अपणे प्यार के मन मन्दिर में, तेरी तस्वीर सजा ल्युँगी। जो माँगेगा वो दे दयूंगी, तेरी सारी ए टहल पूजा दयूंगी।। मेरे प्यार नै ठुकरा कै, दिलदार बाहर तूँ जाइये ना।। "आनन्द शाहपुर" के वादे पै मन्ने भरोसा पूरा सै। तेरे बिना ओ मेरे साजन, यो सँसार अधूरा सै।। मेरे प्यार की पतँग लूटकै तूँ डोर तोड़ कै जाइये ना।। गीतकार : आनन्द कुमार आशोधि ©Anand Kumar Ashodhiya प्यार की पतंग #हरयाणवी