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White जाने वाला हूं" तुम नहीं रोकोगी, है ना। ठीक

White जाने वाला हूं"


तुम नहीं रोकोगी, है ना। ठीक है फिर।

ध्यान रखना और खुश रहना। मुझे तुमसे नाराजगी है बहुत,

पर नफरत नहीं, ओके।


पता है, मैं कॉल करता हूं, बात करने को।

पर तुम्हारे पास कभी समय रहा ही नहीं। कोई नहीं। पर यार, इतनी पीड़ा होती है ना,

जो कोई शब्दों से बता ही नहीं सकता। जैसे सूखा पेड़ बारिश के इंतजार में खड़ा हो,पर कोई बादल न आए।


जैसे किसी बच्चे को लगता है,

मां-बाप हैं,

ध्यान रखेंगे, देखेंगे। पर मैं तो मजाक बना हूं, है ना।

मतलब मुझे उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। पर होता है कि तुम्हे सबकुछ माना है 

मतलब जिसे तुम मानो,वो भी तुम्हें बहुत माने। और फिर अचानक से देखना ही बंद कर दे।


हां, मैं जा रहा हूं। और मुझे जाना भी चाहिए। जहां सम्मान न हो,वहां मेरा कोई काम नहीं।


तुम्हें पता है, मुझे पता है

कि मैं न पहला बन पाया, न आखिरी।पर मैं फिर भी साथ रहना चाहता था।

कि प्रेम है तो रहूंगा। पर ठीक है। तुम वो नहीं हो जिसे मेरी चिंता हो।


पता है,

मैं मैसेज भी क्यों कर रहा हूं। क्योंकि मुझे पता है कि

तुम्हें सबसे घटिया और गिरा हुआ लग रहा हूंगा, है ना।

पर पता है,

मतलब मैं जो दिन देख रहा हूं ना,ये लगता है कि कब मौत आए यार।

पर उसने नहीं आनी। मैं तुमसे बोल भी क्यों रहा हूं। तुम्हें तो कोई फर्क ही नहीं पड़ता।


पता है, जिस दिन ये मोबाइल बहा दिया, वही दिन आखिरी होगा मेरी तरफ से।

और उसके तुमसे हाथ जोड़ के प्रार्थना है... कि हो गया फिर, बाय।


जाने वाला हूं।

पर लगता है,रोक लो जाने न दो। मैं वो सोचता हूं

जो कभी होना नहीं है।


जैसे आसमान में कोई टूटता तारा,

जो गिरने से पहले रुकना चाहता हो। जैसे सागर की लहरें किनारे पर

ठहरना चाहती हों, पर ठहर न पाएं। जैसे अंधेरे में खोया हुआ चांद,

जो रोशनी को छूने का सपना देखे।


Love you, बहुत सारा।

©କିଶାନ୍ #Sad_Status  Writer  SHIVAM MISHRA  शायरा माही (पहाड़ी छोरी)  अdiति  Richa Chaubey
White जाने वाला हूं"


तुम नहीं रोकोगी, है ना। ठीक है फिर।

ध्यान रखना और खुश रहना। मुझे तुमसे नाराजगी है बहुत,

पर नफरत नहीं, ओके।


पता है, मैं कॉल करता हूं, बात करने को।

पर तुम्हारे पास कभी समय रहा ही नहीं। कोई नहीं। पर यार, इतनी पीड़ा होती है ना,

जो कोई शब्दों से बता ही नहीं सकता। जैसे सूखा पेड़ बारिश के इंतजार में खड़ा हो,पर कोई बादल न आए।


जैसे किसी बच्चे को लगता है,

मां-बाप हैं,

ध्यान रखेंगे, देखेंगे। पर मैं तो मजाक बना हूं, है ना।

मतलब मुझे उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। पर होता है कि तुम्हे सबकुछ माना है 

मतलब जिसे तुम मानो,वो भी तुम्हें बहुत माने। और फिर अचानक से देखना ही बंद कर दे।


हां, मैं जा रहा हूं। और मुझे जाना भी चाहिए। जहां सम्मान न हो,वहां मेरा कोई काम नहीं।


तुम्हें पता है, मुझे पता है

कि मैं न पहला बन पाया, न आखिरी।पर मैं फिर भी साथ रहना चाहता था।

कि प्रेम है तो रहूंगा। पर ठीक है। तुम वो नहीं हो जिसे मेरी चिंता हो।


पता है,

मैं मैसेज भी क्यों कर रहा हूं। क्योंकि मुझे पता है कि

तुम्हें सबसे घटिया और गिरा हुआ लग रहा हूंगा, है ना।

पर पता है,

मतलब मैं जो दिन देख रहा हूं ना,ये लगता है कि कब मौत आए यार।

पर उसने नहीं आनी। मैं तुमसे बोल भी क्यों रहा हूं। तुम्हें तो कोई फर्क ही नहीं पड़ता।


पता है, जिस दिन ये मोबाइल बहा दिया, वही दिन आखिरी होगा मेरी तरफ से।

और उसके तुमसे हाथ जोड़ के प्रार्थना है... कि हो गया फिर, बाय।


जाने वाला हूं।

पर लगता है,रोक लो जाने न दो। मैं वो सोचता हूं

जो कभी होना नहीं है।


जैसे आसमान में कोई टूटता तारा,

जो गिरने से पहले रुकना चाहता हो। जैसे सागर की लहरें किनारे पर

ठहरना चाहती हों, पर ठहर न पाएं। जैसे अंधेरे में खोया हुआ चांद,

जो रोशनी को छूने का सपना देखे।


Love you, बहुत सारा।

©କିଶାନ୍ #Sad_Status  Writer  SHIVAM MISHRA  शायरा माही (पहाड़ी छोरी)  अdiति  Richa Chaubey