काश... जिन्दगी में कोई काश ना होता तो मैं भी यूं जिन्दा लाश ना होता । काश... मैं भी बन जाता मूरत पत्थर की मुझमे भी इस दर्द का अहसास ना होता । काश... मैं भी जी लेता खुद की खुशियाँ मुझपर जो उम्मीदों का लिबास ना होता । काश... मैं भी लड़ लेता मेरे अपनों से जो तेरे नैनों का कोई और खास ना होता । काश.. मैं भी भुल जाता यादों को तेरी मुझसे भी तेरा निशां बर्दास्त ना होता । काश.. मैं भी मान लेता गैरों को दुनिया तुझे पाने का ख्वाब मेरे पास ना होता । काश, मुझमें कोई काश ना होता -अजय कास मेरी जिंदगी में कोई.......... #ASB😔